इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाता है
सरसों का साग, आपके इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाने में अहम भूमिका निभाता है. सिर्फ एक कप यानी 56 ग्राम कच्चा और 140 ग्राम पका हुआ साग, आपके शरीर में विटामिन सी की दैनिक जरूरत को पूरी करता है जो आपके इम्यून सिस्टम को मजबूती देता है, और जिसकी वजह से आपके बीमार होने के चांस बहुत कम हो जाते हैं.
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गर्भस्थ शिशु की ग्रोथ बढ़ाता है
सरसों का साग में मौजूद विटामिन ‘के’ गर्भस्थ शिशु की ग्रोथ बढ़ाने में मदद करता है. इसके सेवन से गर्भ में पल रहे शिशु की ग्रोथ तो बढ़ती ही है, साथ ही साग में मौजूद कैल्शियम शिशु और महिला दोनों की हड्डियों को भी मजबूती देता है.
पाचन तंत्र को रखता है दुरुस्त
सरसों के साग में बहुत अच्छी मात्रा में विटामिन ‘के’ मौजूद होता है जो आपके पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है. इससे आपको गैस, कब्ज़ जैसी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है.
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाता है
इस साग के सेवन से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम होता है, जो इस स्ट्रेस से संबंधित बीमारियों से बचाने में मदद करता है. जिससे अनिद्रा, डायबिटीज और मोटापे जैसी दिक्कतें होने का खतरा कम होता है.
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आंखों की रौशनी बढ़ाता है
सरसों के साग का सेवन करने से आंखों की रौशनी बढ़ती है. इसमें काफी मात्रा में विटामिन ‘ए’ मौजूद होता है, जो आंखों की रौशनी बढ़ाने के साथ ही रतौंधी रोग से भी बचाने में मदद करता है.
दिल के लिए फायदेमंद
सरसों का साग दिल के लिए भी फायदेमंद है. इसमें नाइट्रेट, मैग्नीशियम और आवश्यक फैटी एसिड की काफी मात्रा होती है जो ब्लड और टिश्यू के लिए ज़रूरी नाइट्राइट और नाइट्रिक एसिड के स्तर को बनाए रखती है.
हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल को करता है कंट्रोल
इस साग में काफी मात्रा में मैग्नीशियम होता है जो है बीपी को कंट्रोल करने में मदद करता है. इसके सेवन से हाई बीपी का खतरा कम होता है. साथ ही इसमें मौजूद फाइबर शरीर में मौजूद बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को भी नियंत्रित करता है.
डाइबिटीज़ में फायदेमंद
डाइबिटीज़ होने की स्थिति में सरसों के साग का सेवन बहुत फायदेमंद होता है. ये ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है. साथ ही साग में मौजूद फाइटोन्यूट्रिएंट्स शरीर में मौजूद हानिकारक जीवाणुओं के विकास को रोकने में सहायता करता है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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